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Moral stories / Bodh katha - हाथी और चिड़ियाँ की कहानी

Moral stories / Bodh katha हाथी और चिड़ियाँ की कहानी  The Sparrow And The Elephant चिंदरबन के जंगल में एक पेड़ पर घोंसले में चिऊ चिड़ियाँ और उसका पति काऊ दोनों एक साथ आनंद से रहते थे। कुछ दिन के बाद चिऊ ने अंडे दे दिए। दोनों बहोत ख़ुशी में थे। एक दिन काऊ चिऊ के लिए खाने का बंदोबस्त करने गया क्योंकि चिऊ अंडे से ने के लिए बैठी, वो उठ नहीं सकती थी। वही पेड़ के निचे से एक बड़ा हाथी हररोज तालाब में पानी पिने के लिए जाता था लेकिन वह बहुत बड़ा और अड़ियल होने से अजु बाजु के पेड़ पौंधो को नुकसान पहुंचता था, तभी उसे डरकर कोई उसे बोल नहीं पता था। उस दिन वह हाथी आया और चिऊ जहाँ बैठी थी वह पेड़ पर सूंड मरकर पेड़ हिला रहा था। तब चिऊ ने उसे कहा, "ओ, हाथी भैय्या कृपा करके पेड़ को नुकसान मत पहुँचाना मेरा घोंसला और उसमे अंडे है मेरे।" हाथी और चिड़ियाँ की कहानी   उसपर हाथी को बहुत गुस्सा आया उसका अहंकार जाग उठा, और चिऊ को बोला, "तुम्हारी इतनी हिम्मत के तुम मुझे बोल रही हो, इतनी पिद्दी सी होकर भी." और ऐसा कहकर उसने वह पेड़ जो जोर से हिलाया और वहां से चला गया। लेकिन हाथी ने पेड़ हिलाया उसमे चि

Moral stories / Bodh katha - चतुर खरगोश और शक्तिशाली शेर

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Moral stories / Bodh katha चतुर खरगोश और शक्तिशाली शेर The Clever Rabbit Story In Hindi चिंदरबन के जंगल में राका नाम का एक शक्तिशाली भयानक शेर रहता था। वह जब भी शिकार करने जाता तब उसकी दहाड़ और उसको देखकर ही शिकार अधमरा हो जाता था। और एक शेर ही बार में बहुत सारे शिकार करता था जरूरत न होने पर भी। अब जंगल में बहुत बड़ी समस्या होने लगी। एक दिन में अगर वह ४-५ प्राणी शिकार करता है तो जंगल के सभी प्राणी जल्द ही नष्ट हो जायेंगे अब क्या होगा इस जंगल का यही सभी प्राणियों के मन में चल रहा था। सभी प्राणी अपने घरों में छुपकर बैठने लग गए कोई खाने के लिए बाहर भी नहीं निकालता। ऐसा कब तक चलेगा इसके लिए क्या योजना बनायीं जाये। एक दिन सभी प्राणियों ने जंगल में एक जगह पर छुपकर सभा ली और उस मे यह तय हुआ की हमे खुद जाकर शेर से बात करनी होगी। दूसरे ही दिन हट्टे कट्टे और बड़े प्राणियों का दल शेर के पास गया। शेर विश्रांति ले रहा था। सभी और हट्टे कट्टे प्राणियों को आते देख थोड़ा सा विचलित हो गया। प्राणियों का नेता एक गेंडा था उसने शेर से कहा, "महाराज राका, हम आप से बिनती करने आये है, की आप इस जंगल क

Moral stories / Bodh katha - चतुर लोमड़ी और मुर्ख शेर

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Moral stories / Bodh katha चतुर लोमड़ी और मुर्ख शेर Fox And Lion Story In Hindi एक दिन चिंदरबन वन में, एक लोमड़ी एक चट्टानी मार्ग से गुजर रहा थी। जैसा कि वह अक्सर करती है, अजीब गंध को पकड़ने के लिए अपनी नाक को जमीन पर रख देती हैं। वह सोच रही थी 'उसे कब भोजन मिलेगा वह बहुत भूखी थी , लेकिन दोपहर की गर्मी में चूहे मिलने की संभावना बहुत कम थी। लेकिनउ वह एक-दो छिपकलियां पकड़ सकती थी। लेकिन अचानक उसके सामने एक शेर आ गया। लोमड़ी वही एक बड़े चट्टान के निचे खड़ी थी। अब क्या करे! क्योकि इसके पहले वह शेर के चंगुल से बहुत बार छूटी है। शेर उसका बदला जरूर लेगा। तभी उसको एक तरकीब सूजी। लोमड़ी सर पे हाथ रखकर चिल्लाई, "बचाव!! मदत करो हे शक्तिशाली महाराज, हम दोनों ही मरनेवाले है। यह चट्टान गिरनेवाली है हम पर।" शेर ने ऊपर चट्टान को देखा और तुरंत चट्टान को अपने कन्धे का सहारा दिया। लोमड़ी ने शेर को सोचने का मौका न देते हुए कहा की, "महाराज आप ऐसे ही चट्टान को पकड़कर रहिये मैं दूसरी चट्टान उसके सहारे को लाती हु और हम दोनों बच जायेंगे।" और लोमड़ी वहाँ से दूसरी चट्टान लेने चली गयी और वहा

Moral stories / Bodh katha - चींटि और कबुतर

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Moral stories / Bodh katha    चींटि और कबुतर  जंगल में एक छोटे से तालाब के बाहर किनारे में एक चींटियों की बस्ती थी।  चींटिया वहां पर हमेशा दिन रात काम ही करती थी। कुछ चींटिया खाना ढूँढकर  आती, और सबको कहती और सभी वह खाना लेकर आते थे। खाना ढूँढने वाली चींटियों में एक रानी नाम की चींटि थी। बहुत अच्छी, दयालु और मेहनती थी। एक दिन रानी चींटि सब के लिए खाना तलाश रही थी। वह तालाब के किनारे दूर तक गयी। उसे खाना कही नहीं मिला रानी खाना तलाशते - तलाशते एक पानी में टूट कर गिरी एक लकड़ी का पूल था उस पर चढ़ गयी तब एक जोर से हवा का झोंका आया उसमे चींटि उड़कर पानी में जा गिरी और पानी में हवा से  लहरे थी उसमे रानी डूबने लगी और बहनें लग गयी। उसी तालाब के बाजु में एक पेड़ पर शिबू नाम का कबूतर बैठा  था। बहुत दयालू  था। टहनी पर बैठ कर वह देख रहा था उसे उस चींटि  की दया आयी। और बाजू में से एक पत्ता तोडकर चींटि के पास फेंक दिया, चींटि ने देखा की उसके बाजू में पत्ता गिरा है तुरंत वह उस पत्ते पर चढी और ऊपर देखा तो कबूतर था। कबूतर हस पडा और रानी ने उसे धन्यवाद किया और वह पत्ते के साथ किनारे पे चली गयी और फिर अ

Moral stories / Bodh katha - चालाक लोमड़ी और मूर्ख कौआ

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Moral stories / Bodh katha   चालाक लोमड़ी और मूर्ख कौआ चिंदरबन के जंगल में एक चिंगी नाम की एक लोमड़ी रहती थी। एक दिन वो बहुत ही भूखी थी, सुबह से उसे कोई शिकार नहीं मिला। वह भूखे पेट भोजन की तलाश में इधर-उधर भटक रही थी। उसने पूरा जंगल खाने की तलाश में छान मारा फिर भी चिंगी को कही भी खाना नहीं मिला, आखिर वह खाने की तलाश में जंगल के बाहर चली गयी जंगल के बाहर थक कर एक पेड़ के निचे बैठ गयी। चिंगी को कहीं से रोटी की खुशबु आयी उसने पेड़ के ऊपर देखा, पेड़ पर एक कौआ बैठा हुआ था और उसके मुंह में रोटी का एक टुकड़ा था। कौए के मुंह में रोटी देखकर उस भूखी लोमड़ी के मुंह में पानी भर आया, अब वह सोचने लगी की इस मुर्ख कौए से उसकी रोटी कैसे छीन ली जाये। चिंगी को  एक तरकीब सूझी और उसने कौए से कहा, "ओ, कौए भैय्या आप वही हो न जो पूरा जंगल आपकी सुरीली और मधुर आवाज का दीवाना है। सारी जंगल में आपकी ही बातें होती रहती है। क्या, मुझे आपकी आवाज सुनने को मिल सकती है ?" अब कौए को लोमड़ी से अपनी प्रशंसा सुन कर बहुत ख़ुशी हुयी। वह लोमड़ी की मीठी - मीठी बातों में आ गया और बिना सोचे-समझे उसने गाना गाने के लिए मुं

Moral stories / Bodh katha - चील और कौवा की कहानी

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Moral stories / Bodh katha   चील और कौवा की कहानी    टीकू नाम का एक चील और कालू नाम का एक कौआ था। हमेशा झगड़ा करते रहते थे आखिरकार एक दिन उन दोनों ने कभी झगड़ा न करने का फैसला कर लिया।  कालू कौआ टीकू चील से बोला, "यार टीकू तुझे तो मालूम है न मेरे बच्चे कैसे होते है? अगर पता नहीं होगा तो तू उन्हें खा सकता है।"  चील ने कहा, "यार मुझे नहीं पता तेरे बच्चे कैसे होते है।" कालू ने कहा, "तो सुन! मेरे बच्चे बहुत सुन्दर और प्यारे है, उनके सुन्दर पर और आंखे बड़ी-बड़ी प्यारी है, उनकी आवाज सुन्दर और सुरीली है, अब समझ में आया होगा की मेरे बच्चे बहुत सुन्दर है।" चील बोला, "यार मुझे तो यह मालूम ही नहीं था".  चील और कौवा की कहानी    कुछ दिन बाद टीकू चील ने एक पेड़ के डोली में कुछ चूज़े देखे, उन्हें देखकर बोला, "कितने बदसूरत और काले रंग के चूज़े है यह कालू कौए के तो बिलकुल नहीं हो सकते, इन्हे मैं खा सकता हूँ," और टीकू ने उन्हें गट्ट कर दिया और बाजु की टहनी पर आराम करने बैठा।  चील और कौवा की कहानी    कुछ देर बाद कालू कौआ वहाँ पर आया और देखा की उसके चूजे वह

Moral stories / Bodh katha - नीला सियार की कहानी

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Moral stories / Bodh katha   नीला सियार की कहानी    एक दिन चिंदरबन वन का, एक बदमाश सियार खाने की तलाश में जंगल के बाहर मानव बस्ती में आ पहुंचा। भूख से वह बेहाल था। उसे कही भी खाना नहीं मिला। वह बस्ती से चल रहा था  तभी गली के कुत्तों की एक टोली से उसका सामना हुआ वह कुत्ते भौकते-भौकते सियार के पीछे लग गए, सियार भागता हुआ एक घर में जा पुहचा, वह घर एक रंगारी का था। वहांपर कपडों को रंग लगाते थे। उनके आँगन में रंगो के ड्रम्स रखे हुए थे। सियार भागते-भागते उस आँगन में आया और अपनी जान बचने के लिए एक ड्रम में जा कूदा, वह एक नीले रंग से भरा ड्रम था। कुत्ते थोड़ी देर वहा पर भौंकते रहें और बादमे वहा से चले गए।  नीला सियार की कहानी    थोड़ी देर में सियार ने चुपके से बाहर देखा तो कुत्ते वह पर नहीं थे वैसे सियार ड्रम से बाहर आया और वह से जंगल की ओर भागा। रास्ते में उसे प्यास लगी, वह तालाब में पानी पीने के लिए गया। पानी में खुद का प्रतिबिंब देखकर तो वह चौंक गया, सियार पूरी तरहसे नीले रंग का बन चूका था। तभी उसके मन में छल-कपट आया। इस रंग को लेकर, सभी प्राणियों को बेवकूफ बनाने का। वह जंगल में जा

Moral stories / Bodh katha - बगुला और केकड़ा की कहानी

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Moral stories / Bodh katha   बगुला और केकड़ा की कहानी    एक जंगल के बीचो-बीच छोटा सा तालाब था। बहुत सारे जीव मछलिया, केकड़े , पंछी, प्राणी और किटक वहां पर पल-फूल रहे थे। उस तालाब के बाजु में ही एक भीकू नाम का बगला रहता था बहुत महा अलसी था शिकार करने में आलस करता था। आलस की वजह से वह भूखा ही रहता था। पानी में एक टाँग पर खड़े होकर वह सोचता था की बिना हाथ पैर मारे रोज कैसे भोजन मिल जाये।  बगुला और केकड़ा की कहानी   एक दिन उसे एक उपाय सूझा उसे आजमाने की सोच ली, बगला उस तालाब के किनारे खड़ा होकर वह सभी जीव, मछ्लियों को बोलने लगा, "अरे यहाँ पर कितना अकाल पड़ा है कितना गन्दा है यह तालाब, उस पहाड़ के पीछे जो तालाब है वहां पर बहुत सारा खाना है, पानी है, बहुत सुन्दर, एकदम स्वर्ग जैसी जगह है हमे वहां पर जाना चाहिए मैं तो हररोज वहापर जाता हूँ मछलिया उसके बहकावे में आ गई उन्होंने कहा 'हमे ले चलो वहां पर' बगला बोला, "हाँ-हाँ चलेंगे हररोज एक या दो को लेकर जाऊंगा।" सारी मछलियाँ उत्सुकता से बोली, "हाँ भैय्या ठीक है" बगला रोज एक-दो मछलीयों को पहाड़ी के पीछे लेकर जाता और ख

Moral stories / Bodh katha - शरारती बंदर और लकड़ी का खूंटा

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Moral stories / Bodh katha   शरारती बंदर और लकड़ी का खूंटा    एक व्यापारी था जिसने अपने बगीचे में एक मंदिर बनाने के लिए कई सुतार बुलाये थे। रोज सुबह वह काम के लिए आते थे और मध्य-भोजन के लिए छुट्टी लेते थे, और फिर शाम तक काम करते थे।   एक दिन एक बंदरों का समूह जहा काम चालू था वहां पर आया।  शरारती बंदर और लकड़ी का खूंटा   और उन्होंने देखा की वहां पर कोई भी मजदूर नहीं है सिर्फ एक मजदूर बड़ा सा लकड़ा आरी से कांट रहा था। जब उसने लकड़ा आधा कटा तभी आधे कटे लकड़ी के बिच में बड़ा सा पच्चर रखा ताकि वह जुड़े नहीं, और वह अपने साथियों के पास भोजन लेने के लिए चला गया। जब सभी मजदूर चले गए तब बंदर पेड़ से निचे आ गए और वहाँ पर खेल-कूद करने लगे और मजदूरों के हथियारों से खेलने लगे। उनमे से एक बन्दर उस लकड़ी में रखे पच्चर के बारे में उत्सुक था। वह बन्दर, बीच में जहा लकड़ी आधी काटी थी उसके ऊपर बैठ गया और उस पच्चर के साथ खेलने लगा, लेकिन उसकी पूछ कटी लकड़ी के बीच में थी।   उस बन्दर ने पच्चर जोर से खींचा और अचानक पच्चर निकल गया और आधी कटी लकड़ी बंद हो गयी उसमे बन्दर की पूछ अटक गयी और वह दर्द से चिल्लाने लगा, उस

Moral stories / Bodh katha - भेड़िया आयाss भेड़िया आयाss कहानी

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Moral stories / Bodh katha भेड़िया आयाss भेड़िया आयाss कहानी   पहाड़ी इलाके एक गाँव में गोलू नाम का एक चरवाहा लड़का था। बहोत शरारती लड़का था।  उसके माँ-बाप उसे भेड़ और बकरियां चराने को पहाड़ी पर भेजते थे। पर उसे वह पसंद नहीं था। हररोज वह अपनी भेड़ और बकरियों को पहाड़ी पर चराने ले जाता था। और पहाड़ी के निचे गांव के लोग खेतों में काम करते थे। गोलू हररोज भेड़े देखकर ऊब गया था।  भेड़िया आयाss भेड़िया आयाss कहानी   तो उसने सोचा की कुछ शरारत करू। गोलू जोर से चिल्लाया, " भेड़ियाँ आयाsss भेड़ियाँ आयाsss,"  लोगों ने गोलू की आवाज सुनी और तुरंत दौड़कर आ गए और उन्होंने देखा की वहां पर कुछ भी नहीं हुआ भेड़िया वगैरे कुछ भी नहीं था। लोग गोलू पर गुस्सा हो गए और गोलू उनका चेहरा देखकर हंसने लगा, अब उसे मजा आने लग गया।  दूसरे दिन गोलू फिर से पहाड़ों पर भेड़ - बकरियां चराने ले गया उसे फिर से लोगों का मजाक उड़ाने का मन किया, और वह फिर जोर-जोर से चिल्लाने लगा " भेड़ियाँ आयाsss भेड़ियाँ आयाsss  कोई मदद करो " खेतों में काम कर रहे गांव के लोगों को फिर से सच लगा की अब सच में भेड़िया आया होगा सब लोग लाठिय

Moral stories / Bodh katha - लोमड़ी, वनबिलाव और गरीब खरगोश

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Moral stories / Bodh katha लोमड़ी, वनबिलाव और गरीब खरगोश लोमड़ी, वनबिलाव और गरीब खरगोश   चिंदरबन के जंगल में एक मीकू नाम का गरीब और मासूम खरगोश, पेड़ के तने में एक बिल में रहता था। बहुत मज़े से अकेला रहता था। उसे खाना खाने के लिए थोड़ा दूर जाना पड़ता था क्यों की थोड़े ही दूर एक टीले पर बहुत सारी हरी-भरी घास थी। उसे वहां कोई भी परेशानी नहीं थी। अस-पास भी उसे परेशान करनेवाला नहीं था। सिर्फ एक वन बिलाव को छोड़ के, क्यों की वनबिलाव उसका वहां का एक ही बड़ा दुश्मन था। लेकिन वनबिलाव उसे अकेला मारकर नहीं खा सकता था।  लोमड़ी, वनबिलाव और गरीब खरगोश   एक दिन क्या हुआ वह घास खाते-खाते बहुत दूर तक चला गया। वहां उसे बाहर से आई लोमड़ी दिख गई। लोमड़ी ने भी मीकू को देखा और उसका शिकार करने के लिए उसका पीछा करते-करते बिल तक आ पहुंची लेकिन बिल का मुँह बहुत छोटा था, उसे अंदर जाकर शिकार करना मुश्किल था। इसलिए लोमड़ी बिना शिकार किये वहां से चली गयी। अब लोमड़ी हररोज मीकू का शिकार करने के लिए बिल के यहाँ आती थी।  फिर एक बार मीकू ने देखा की एक वनबिलाव के साथ लोमड़ी बाते कर रही है। मीकू समझ गया की कुछ तो गड़बड़ है, अब उसकी

Moral stories / Bodh katha - एकता की ताकत

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Moral stories / Bodh katha एकता की ताकत  The Power Of Unity   एकता की ताकद   एक बड़े और गहरे समुद्र में बहुत मछलियां थी। उसमें बहोत सारी छोटी -बड़ी मछलिया थी.. वह एक साथ रहती थी।  उसमे एक लीना नाम की छोटी मछली थी, वह बहुत समज़दार थी।  उसकी एक दोस्त थी बड़ी और ताकतवर मछली उसका नाम रानी था।  वह ताकदवर होने से थोड़ी घमंडी थी। एकता की ताकद   एक दिन सब मछलिया पानी में खेल रही थी। तभी लीना सबको बोली "हमें ऐसे ही एक साथ रहना चाहिए।" उसपर रानी बोली, "कोई जरुरत नहीं मैं ताकदवर हु मुझे कुछ नहीं हो सकता।" लीना बोली, "ठीक है।" एकता की ताकद   और कुछ ही दिनों के बाद उस समुन्दर में कुछ मछुआरों जाल डाला उसमे बहोत सारी मछलियाँ फंस गयी, जाल में रानी मछली भी थी और बची मछलियों में लीना थी वह जाल के बाहर थी। जाल के अंदर की मछलिया डर गयी। अब क्या करे रानी भी डर गयी उसने बहोत ताकद लगायी पर जाल जरा भी नहीं हिला। बहार से लीना को तरकीब सूझी उसने कहा, "सब मछलियां एक हो जाओ और जाल को निचे की ओर धकेल दो ताकि जाल की रस्सी टूट जाये । " एकता की ताकद   सब मछ्लियों ने लीना की ब

Moral stories / Bodh katha - ऊंट और शेर की कहानी

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Moral stories / Bodh katha ऊंट और शेर की कहानी  Lion and Camel story in Hindi ऊंट और शेर की कहानी   एक घने जंगल में, एक शेर अपने तीन सहाय्यक सियार, कौवा और तेंदुए के साथ रहता था - जंगल के राजा के निकट होने के कारण, उन सहायकों  को कभी भोजन की तलाश नहीं करनी पड़ी।  एक दिन, वे ऊंट को जंगल में देखकर आश्चर्यचकित हुए, जो आम तौर पर ऊंट रेगिस्तान में रहते है।  जंगल में पूछताछ करने पर, उन्हें पता चला कि ऊंट अपना रास्ता भटककर जंगल में आया है। शेर ने उस ऊंट को अपने यहाँ आश्रय दिया।  एक दिन, हाथियों के साथ हुई लड़ाई में शक्तिशाली शेर घायल हो गया। ऊंट और शेर की कहानी   वह शिकार करने में असमर्थ था। शेर और उसके सहाय्यकों को बहुत भूख लगी थीं। सियार ने शेर को सुझाव दिया कि उन्हें ऊंट मारकर खाना चाहिए, लेकिन शेर ने इसे मारने से इनकार कर दिया। और कहा ऊंट तो हमारा मेहमान है हम उसे नहीं मर सकते। ऊंट और शेर की कहानी   उन तीनो ने ऊंट को खुद को शेर के लिए भोजन के रूप में पेश करने की योजना बनाई और कौवा, तेंदुए और सियार ने खुद को शेर के लिए भोजन के रूप में पेश किया और कहा, "महाराज आप हमे खा लीजिये"

Moral stories / Bodh katha - सोने के अंडे देने वाली मुर्गी

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Moral stories / Bodh katha सोने के अंडे देने वाली मुर्गी Golden Egg Story in Hindi सोने के अंडे देने वाली मुर्गी    रामपुर गांव में एक चिमन नाम का गरीब किसान रहता था। उसका एक छोटासा फार्महाउस था। उसमे उसने मुर्गियां पाल रखी थी। एक दिन उसकी एक मुर्गी ने एक छोटासा सोने का अंडा दे दिया। चिमन को आश्चर्य हुआ उसने वह अंडा लिया और सुनार के पास गया सुनार ने उसे वह असली सोने का अंडा बताया और खरीद लिया। उसे उसकी अच्छी कीमत मिली चिमन  आनंद से घर आया और बीवी को घटी सारी बात बता दी। बीवी को भी बहुत आनंद हुआ।  अब दूसरे दिन चिमन  फार्महाउस पर गया फिर से उस मुर्गी ने सोने का अंडा दे दिया। और ऐसे हररोज होता गया। और अब चिमन के घर बरकत आ गयी।  उसके पास अब थोड़ासा  धन जमा हो गया।  अब जैसे धन जमा होता गया वैसे चिमन और उसकी बीवी के मन में लालच आता गया।    अब दूसरे दिन चिमन  फार्महाउस पर गया फिर से उस मुर्गी ने सोने का अंडा दे दिया। और ऐसे हररोज होता गया। और अब चिमन के घर बरकत आ गयी।  उसके पास अब थोड़ासा  धन जमा हो गया।  अब जैसे धन जमा होता गया वैसे चिमन और उसकी बीवी के मन में लालच आता गया।    सोने के अं

Moral stories / Bodh katha - हाथी और चिड़ियाँ की कहानी

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Moral stories / Bodh katha हाथी और चिड़ियाँ की कहानी  The Sparrow And The Elephant चिंदरबन के जंगल में एक पेड़ पर घोंसले में चिऊ चिड़ियाँ और उसका पति काऊ दोनों एक साथ आनंद से रहते थे। कुछ दिन के बाद चिऊ ने अंडे दे दिए। दोनों बहोत ख़ुशी में थे। एक दिन काऊ चिऊ के लिए खाने का बंदोबस्त करने गया क्योंकि चिऊ अंडे से ने के लिए बैठी, वो उठ नहीं सकती थी। वही पेड़ के निचे से एक बड़ा हाथी हररोज तालाब में पानी पिने के लिए जाता था लेकिन वह बहुत बड़ा और अड़ियल होने से अजु बाजु के पेड़ पौंधो को नुकसान पहुंचता था, तभी उसे डरकर कोई उसे बोल नहीं पता था। उस दिन वह हाथी आया और चिऊ जहाँ बैठी थी वह पेड़ पर सूंड मरकर पेड़ हिला रहा था। तब चिऊ ने उसे कहा, "ओ, हाथी भैय्या कृपा करके पेड़ को नुकसान मत पहुँचाना मेरा घोंसला और उसमे अंडे है मेरे।" हाथी और चिड़ियाँ की कहानी   उसपर हाथी को बहुत गुस्सा आया उसका अहंकार जाग उठा, और चिऊ को बोला, "तुम्हारी इतनी हिम्मत के तुम मुझे बोल रही हो, इतनी पिद्दी सी होकर भी." और ऐसा कहकर उसने वह पेड़ जो जोर से हिलाया और वहां से चला गया। लेकिन हाथी ने पेड़ हिलाया उसमे चि