Moral stories / Bodh katha - चतुर लोमड़ी और मुर्ख शेर
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Moral stories / Bodh katha
चतुर लोमड़ी और मुर्ख शेर
Fox And Lion Story In Hindi
एक दिन चिंदरबन वन में, एक लोमड़ी एक चट्टानी मार्ग से गुजर रहा थी। जैसा कि वह अक्सर करती है, अजीब गंध को पकड़ने के लिए अपनी नाक को जमीन पर रख देती हैं। वह सोच रही थी 'उसे कब भोजन मिलेगा वह बहुत भूखी थी , लेकिन दोपहर की गर्मी में चूहे मिलने की संभावना बहुत कम थी। लेकिनउ वह एक-दो छिपकलियां पकड़ सकती थी।
लेकिन अचानक उसके सामने एक शेर आ गया। लोमड़ी वही एक बड़े चट्टान के निचे खड़ी थी। अब क्या करे! क्योकि इसके पहले वह शेर के चंगुल से बहुत बार छूटी है। शेर उसका बदला जरूर लेगा। तभी उसको एक तरकीब सूजी।
लोमड़ी सर पे हाथ रखकर चिल्लाई, "बचाव!! मदत करो हे शक्तिशाली महाराज, हम दोनों ही मरनेवाले है। यह चट्टान गिरनेवाली है हम पर।" शेर ने ऊपर चट्टान को देखा और तुरंत चट्टान को अपने कन्धे का सहारा दिया। लोमड़ी ने शेर को सोचने का मौका न देते हुए कहा की, "महाराज आप ऐसे ही चट्टान को पकड़कर रहिये मैं दूसरी चट्टान उसके सहारे को लाती हु और हम दोनों बच जायेंगे।" और लोमड़ी वहाँ से दूसरी चट्टान लेने चली गयी और वहां से भाग गयी। बेचारा शेर वही चट्टान को सहारा देते हुए खड़ा रहा।
बोध: चतुराई हमे किसी भी बड़े से बड़े संकट से बचा सकती है।
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