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जनवरी, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

Moral stories / Bodh katha - हाथी और चिड़ियाँ की कहानी

Moral stories / Bodh katha हाथी और चिड़ियाँ की कहानी  The Sparrow And The Elephant चिंदरबन के जंगल में एक पेड़ पर घोंसले में चिऊ चिड़ियाँ और उसका पति काऊ दोनों एक साथ आनंद से रहते थे। कुछ दिन के बाद चिऊ ने अंडे दे दिए। दोनों बहोत ख़ुशी में थे। एक दिन काऊ चिऊ के लिए खाने का बंदोबस्त करने गया क्योंकि चिऊ अंडे से ने के लिए बैठी, वो उठ नहीं सकती थी। वही पेड़ के निचे से एक बड़ा हाथी हररोज तालाब में पानी पिने के लिए जाता था लेकिन वह बहुत बड़ा और अड़ियल होने से अजु बाजु के पेड़ पौंधो को नुकसान पहुंचता था, तभी उसे डरकर कोई उसे बोल नहीं पता था। उस दिन वह हाथी आया और चिऊ जहाँ बैठी थी वह पेड़ पर सूंड मरकर पेड़ हिला रहा था। तब चिऊ ने उसे कहा, "ओ, हाथी भैय्या कृपा करके पेड़ को नुकसान मत पहुँचाना मेरा घोंसला और उसमे अंडे है मेरे।" हाथी और चिड़ियाँ की कहानी   उसपर हाथी को बहुत गुस्सा आया उसका अहंकार जाग उठा, और चिऊ को बोला, "तुम्हारी इतनी हिम्मत के तुम मुझे बोल रही हो, इतनी पिद्दी सी होकर भी." और ऐसा कहकर उसने वह पेड़ जो जोर से हिलाया और वहां से चला गया। लेकिन हाथी ने पेड़ हिलाया उसमे चि

Moral stories / Bodh katha - हंस और मूर्ख कछुआ की कहानी

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Moral stories / Bodh katha हंस और मूर्ख कछुआ की कहानी  The Tortoise and The Swans चिंदरबन जंगल में बीचों बीच एक सुन्दर गहरा और बड़ा तालाब था। उस तालाब में दो हंस और एक कछुआ अच्छे दोस्त थे।  हंस और मूर्ख कछुआ की कहानी    और हसते-खेलते रहते थे। वह दिन भर खाना ढूंढ़ने जाते थे।   और शाम को लौटकर मजा-मस्ती और इधर-उधर की बातें करते थे। उस तालाब में पानी हमेशा भरा रहता था, वहां कभी भी आकाल नहीं पड़ा। वह तीनो और बाकी जीव बाड़े आनंद से वहां रहते थे।    मगर एक साल ऐसा हुआ, वहां पर बारिश कम गिरी और सर्दी के मौसम के बाद गर्मी के मौसम में सूरज बहुत तेज हुआ सारा पानी भांप होकर वह तालाब सुख रहा था।  हंस और मूर्ख कछुआ की कहानी  बहोत सारा पानी कम हो गया, मछलियाँ मर रही थी, थोड़ा सा ही पानी बच गया था। वह भी कुछ दिनों बाद खत्म   होने वाला था। अब   दोनों हंस दूसरी जगह पानी का तालाब देखने गए तो उन्हे दूर के जंगल में तालाब मिला, उस तालाब में बहुत सारा पानी था। हंस फौरन लौट आये और कछुऐ से बोले, ''हमें पानी से भरा एक तालाब मिला, वह बहुत बड़ा और गहरा है, परंतु एक दिक्कत है, हम दोनों तो जा सकते है वहा पर

Moral stories / Bodh katha - नागराज और मतलबी किसान

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Moral stories / Bodh katha नागराज और मतलबी किसान The Snake And The Farmer Story In Hindi ए क गांव में श्यामू नाम का बहुत गरीब किसान रहता था।  The Snake And The Farmer Story In Hindi  वह अपने छोटीसी जमीन में सब्जियां उगाकर  औ र उसे बाजार में बेचकर गुज़ारा कर लेता था। उसी की खेत में एक बांध पर एक नागराज का टीले में घर था। जब श्यामू वहां से आ रहा था तब उसने उस नागराज को देखा और उसे वंदन करके घर चला गया। अगले दिन श्यामू जब खेत में काम करने आया तभी आते वक्त उसने कटोरी भर दूध लेकर आया तब नागराज बिल में से बाहर आया और दूध पी कर धन्यवाद् देकर बिल के अंदर चला गया  The Snake And The Farmer Story In Hindi  ऐसे ही श्यामू रोज दूध लेकर आता था और नागराज दूध पी कर धन्यवाद देता था अब दोनों में मित्रता हो गयी थी। एक दिन क्या हुआ जब श्यामू, नागराज को दूध देकर अगले दिन आया तभी खाली कटोरी में एक चमकदार असली मणि पाया वह आश्चर्यचकित हुआ। अब ऐसे ही हररोज होता था अब अब श्यामू के दिन बदल गए वह गरीब से आमिर बन गया।  The Snake And The Farmer Story In Hindi  एक दिन श्यामू को काम से कुछ हप्तों के लिए बाहर जाना थ

Moral stories / Bodh katha - तीन गाय और शेर

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Moral stories / Bodh katha गाय और शेर Three Cows And The Lion  In Hindi चिंदरबन के जंगल में एक हरा-भरा और ताजा चारागाह था, जिसमें तीन गायें रहती थीं, एक सफेद गाय, एक काली गाय और एक लाल-भूरी। वे अच्छी जिगरी दोस्त थी, वे हमेशा एक साथ रहती थी, एक साथ घास चरने जाती थी और एक साथ ही सोती थी, कभी अलगनहीं होती और उनमे कभी झगड़ा भी नहीं होता था।  एक दिन ऐसा हुआ, उस रास्ते से एक लाल - भूरा रंग का शेर चरागाह से गुजरा, वह शिकार की तलाश में था और बहुत भूखा था। तीन गायों देख के खुश हुआ। लेकिन शेर उनको खा नहीं सकता था क्योंकी वे एक साथ थी। शेर वहीं पर एक कोने में बैठा रहा जब तक गाय एक दूसरे से अलग नहीं हो जाती। गाये जानती थी अगर वे एक दूसरे के साथ रहेगी तो कोई शिकारी जानवर उनका शिकार नहीं कर सकता। शेर वही चरगाह में दो-तीन दिन लेटा रहा। लेकिन तीनो गाय एक साथ रही अलग नहीं हुई, अब शेर परेशान हुआ।  अगले दिन शेर ने एक योजना बनाई। शेर गायों के पास गया और कहा, "कैसे हो दोस्तों, सब ठीक है ना? बहोत दिन से मैं आपको याद करते आ रहा हु, लेकिन मैं काम में बहुत व्यस्त था इसलिए आप लोगों का हाल-चाल पूछने का

Moral stories / Bodh katha - ईमानदार लकड़हारा

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Moral stories / Bodh katha ईमानदार लकड़हारा The Honest Woodcutter एक छोटे से गाँव में एक मोहन नाम का गरीब और ईमानदार लकड़हारा अपने छोटेसे घर में रहता था। वह अपने काम के प्रति बहुत ईमानदार था और हमेशा कड़ी मेहनत करता था। वह जंगल से लकड़ियां काटकर लाता था और उसे बेचकर अपना और अपने घर का गुजरा कर लेता था और उसमे वह समाधानी था।  एक दिन मोहन, जंगल में एक गहरे तालाब के किनारे पेड़ काट रहा था। पेड़ काटते-काटते अचानक, उसके हाथ से कुल्हाड़ी फिसली और वह गहरे तालाब में जा गिरी। उसने तालाब में बहुत कोशिश की ढूंढने की लेकिन गहराई की वजह से उसे कुल्हाड़ी नहीं मिली। उसे बहुत दुःख हुआ उसके पास एक ही कुल्हाड़ी थी। और कुल्हाड़ी से ही उसका गुजारा होता था। मोहन बहुत ही दुखी हो गया, रोने लगा और वह हाथ जोड़कर प्रार्थना करने लगा तभी उस तालाब से एक वनदेवता प्रकट हुई, मोहन को बड़ा ही आश्चर्य हुआ, उस देवता ने मोहन से पूछा, "क्या हुआ मोहन तुम रो क्यों रहे हो?" मोहन ने कहा, "देवी, पेड़ काटते वक्त मेरी कुल्हाड़ी फिसलकर इस तालाब में गिर गई है। मेरा गुजरा उसी कुल्हाड़ी पर होता है।" वनदेवता बोली, "ठीक