संदेश

जून, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

Moral stories / Bodh katha - हाथी और चिड़ियाँ की कहानी

Moral stories / Bodh katha हाथी और चिड़ियाँ की कहानी  The Sparrow And The Elephant चिंदरबन के जंगल में एक पेड़ पर घोंसले में चिऊ चिड़ियाँ और उसका पति काऊ दोनों एक साथ आनंद से रहते थे। कुछ दिन के बाद चिऊ ने अंडे दे दिए। दोनों बहोत ख़ुशी में थे। एक दिन काऊ चिऊ के लिए खाने का बंदोबस्त करने गया क्योंकि चिऊ अंडे से ने के लिए बैठी, वो उठ नहीं सकती थी। वही पेड़ के निचे से एक बड़ा हाथी हररोज तालाब में पानी पिने के लिए जाता था लेकिन वह बहुत बड़ा और अड़ियल होने से अजु बाजु के पेड़ पौंधो को नुकसान पहुंचता था, तभी उसे डरकर कोई उसे बोल नहीं पता था। उस दिन वह हाथी आया और चिऊ जहाँ बैठी थी वह पेड़ पर सूंड मरकर पेड़ हिला रहा था। तब चिऊ ने उसे कहा, "ओ, हाथी भैय्या कृपा करके पेड़ को नुकसान मत पहुँचाना मेरा घोंसला और उसमे अंडे है मेरे।" हाथी और चिड़ियाँ की कहानी   उसपर हाथी को बहुत गुस्सा आया उसका अहंकार जाग उठा, और चिऊ को बोला, "तुम्हारी इतनी हिम्मत के तुम मुझे बोल रही हो, इतनी पिद्दी सी होकर भी." और ऐसा कहकर उसने वह पेड़ जो जोर से हिलाया और वहां से चला गया। लेकिन हाथी ने पेड़ हिलाया उसमे चि...

विक्रम और बेताल की कहानी 02

चित्र
विक्रम और बेताल की कहानी 02 सबसे पुण्यवान कौन पहली कहानी सुनाकर बेताल फिर पेड़ पर जा बैठा, विक्रम दृढ़निश्चय करके आया था, वह फिरसे जाकर बेताल को पेड़ से निकाल लाया।  विक्रम और बेताल की कहानी 02  चलते-चलते बेताल ने उसे और एक कहानी सुनानी शुरु की।   "वर्धमान नगर में रूपसेन नाम का राजा राज करता था। रूपसेन बहुत ही दयालु और दानशूर था। राजा के दरबार में एक दिन वीरवर नाम का एक बलशाली इंसान नौकरी के लिए आया।  विक्रम और बेताल की कहानी 02  राजा ने वीरवर से पूछा कि उसे कितना वेतन चाहिए तो उसने जवाब दिया, "प्रतिदिन नौ तोला सोना।" सुनकर सबको बड़ा आश्चर्य हुआ। राजा ने पूछा, "तुम काम क्या करोगे और तुम्हारे साथ कौन-कौन है?” उसने जवाब दिया, “मैं आपका अंगरक्षक बनूँगा दिन-रात आपकी सेवा करूँगा। और मेरे घर में मेरी पत्नी, बेटा और बेटी है। ” राजा को और भी आश्चर्य हुआ।  विक्रम और बेताल की कहानी 02  आख़िर चार जन इतने धन का क्या करेंगे? फिर भी उसने उसकी बात मान ली की इसके पीछे कुछ तो कारन होगा। उस दिन से वीरवर रोज नौ तोला सोना दरबार से लेकर अपने घर आता। उसमें...

Moral stories / Bodh katha - चींटी और टीड्डे की कहानी - Ant and grasshopper story

चित्र
Moral stories / Bodh katha चींटी और टीड्डे की कहानी T he Ant And The Grasshopper  Story In Hindi चिंदरबन में गर्मी के दिन शुरू हुए। सुबह की चिलचिलाती धूप में एक हिरू नाम का टिड्डा सुखी घास पर बड़े मज़े से इधर-उधर फ़ुदक रहा था। और ख़ुशी में गा रहा था, नाच रहा था और ज़िंदगी के मज़े ले रहा था।  Ant and grasshopper story     यहाँ टिड्डा अपनी मस्ती में लगा हुआ था, वहीं दूसरी ओर एक रानी चींटी अनाज के एक दाने को पीठ पर ढोकर अपने बाम्बी में ले जा रही थी। जब रानी चींटी हिरू टिड्डे के पास से गुज़री, तो टिड्डे ने उसे रोका और कहा, “आरी ओ रानी चींटी आओ तुम भी कूदकर मज़े ले ले।” लेकिन रानी चींटी ने मना कर दिया और अपने काम में लगी रही। वह पूरे दिन कड़ी मेहनत कर एक-एक अनाज का दाना खेत से उठाकर अपने बाम्बी तक ले जाती।  यहाँ अपनी मस्ती में डूबा हिरू टिड्डा चींटी को देखता और हँसता और मजाक उडाता था।  Ant and grasshopper story  बार-बार रानी के पास आता और कहता, “प्यारी चींटी, तुम क्यों इतनी बेकार की मेहनत कर रही हो? आओ, यहाँ हंसी मजाक करते है, गाना गाते है। गर्मी के दिन के मजे ...

विक्रम और बेताल की कहानी 01

चित्र
विक्रम और बेताल की कहानी 01 पाप के लिए जिम्मेदार कौन? जब विक्रम ने बेताल को पेड़ से निकालकर अपने कन्धे पर डालकर चलना शुरू किया फिर बेताल बोला, “पण्डित, चतुर और ज्ञानी, इनके दिन अच्छी-अच्छी बातों में बीतते हैं, जबकि मूर्खों के दिन कलह और नींद में। अच्छा होगा कि हमारी राह भली बातों की चर्चा में बीत जाये। मैं तुझे एक कहानी सुनाता हूँ।  तो सुन। ... काशी में प्रतापमुकुट नाम का राजा राज्य करता था। उस वज्रमुकुट नाम का एक बेटा था। एक दिन राजकुमार दीवान के लड़के को साथ लेकर शिकार करने जंगल गया। घूमते-घूमते उन्हें तालाब मिला। उसके पानी में कमल खिले थे और हंस सैर कर रहे थे। किनारों पर घने पेड़ थे, जिन पर पक्षी चहचहा रहे थे। दोनों मित्र वहाँ रुक गये और तालाब के पानी में हाथ-मुँह धोकर ऊपर महादेव के मन्दिर पर गये। घोड़ों को उन्होंने मन्दिर के बाहर बाँध दिया। वो मन्दिर में दर्शन करके बाहर आये तो देखते क्या हैं कि तालाब के किनारे राजकुमारी अपनी सहेलियों के साथ स्नान करने आई है। दीवान का लड़का तो वहीं एक पेड़ के नीचे बैठा रहा, पर राजकुमार से रहा  न  गया। वह आगे बढ़ गया। दोनों मित्र वह...

विक्रम और बेताल की कहानी - पूर्वार्ध

चित्र
विक्रम और बेताल की कहानी पूर्वार्ध  विक्रम और बैताल की कहानियाँ सदियों साल पुरानी कहानियाँ है। यह राजा विक्रमादित्य की कहानियों पर आधारित है और इसकी रचना ईसवी सन पूर्व ४९५ में कश्मीरी कवी सोमदेव द्वारा की गयी थी यह कहानियां 'बेताल पच्चीसी' भी कहलाती है ।  उज्जैन की धारा नगरी में राजा गंधर्वसेन का राज्य था। उसकी चार रानियाँ थीं और उनके छ: पुत्र थे, जो सब-के-सब बड़े ही वीर और बलवान थे। कुछ  दिन के बाद राजा की मृत्यु हो गई और उनकी जगह उनका बड़ा बेटा शंख गद्दी पर बैठा। शंख बड़ा दुर्वर्तनी था। उसे आराम और चैन की जिंदगी जीने की आदत थी।  दरबारी मंत्रीगण और प्रजा उसपर नाराज थी। उसके विलासित जीवन के कारण राज्य की स्थिति दिन-प्रतिदिन बदतर होने लगी। राजधन  घटने लगा। दुश्मनों की नजरें राज्य पर पड़ने लगी। प्रजा के साथ ही सभी मंत्रीगण चाहते थे कि विक्रम राजा बने। विक्रम से भी राज्य की दुर्दशा देखी नही जाती थी। सभी लोग विक्रम के साथ थे। शंख ने कुछ दिन राज किया, उसके बाद विक्रम ने मजबूर होकर उसे मार डाला और वहां का राजा बन बैठा। उसका राज्य दिनोंदिन बढ़ता गया और वह सारे जम्बूद्...

Hindi stories - सच्चे युवक की कहानी

चित्र
Hindi stories सच्चे युवक की कहानी साकेत राज्य में कुशल नाम का एक सच बोलने वाला लड़का रहता था। वह जीवन में कभी झूठ नहीं बोला।  सच्चे युवक की कहानी    राज्य  के दूर-दूर तक सभी लोग उसे जानते थे। राज्य के राजा ने कुशल के बारे में सुना, और उस विषय पर बात करने के लिए उसे महल में बुलाया गया, राजाने उस झूठ ना बोलने वाले व्यक्ति के पास देखकर कहा  "कुशल, क्या ये सच है के आपने जीवन में कभी झूठ नहीं बोला?"  "हाँ यह सच है।" कुशल बोला "ठीक है, सच कहो लेकिन सावधानी से, झूठ एकदम चालाख होता है, आसानी से अपने जुबान पर आ जाता है।" राजा ने कहा. कई दिन बीत गए, राजा ने कुशल को फिरसे बुलाया। वहां पर बहोत सारी भीड़ थी, राजा शिकार के लिए जा रहा था।  सच्चे युवक की कहानी   उसने लगाम हाथ में ही पकड़ी थी और दाया पैर पहले से ही रकाब पर था, उसने कुशल को आदेश दिया, "रानी के महल में जाओ और रानी को बताओ कि मैं उसके साथ दोपहर के भोजन के लिए रहूंगा। उनको एक बड़ी दावत का इंतेज़ाम करने के लिए कहो। तब आप मेरे साथ दोपहर का भोजन करेंगे।" कुशल ने आज्ञा ली और रानी के पास चला गया। तब राजा ह...

Moral stories / Bodh katha - साँप और कौए की कहानी - The snake and the crow story

चित्र
Moral stories / Bodh katha साँप और कौए की कहानी  The snake and the crow story साँप और कौए की कहानी   चिंदरबन में एक बहुत पुराना बरगद का पेड था। उस पेड पर घोंसला बनाकर एक कौआ-कौवी का जोडा रहता था। बड़े आनंद  से उनका जीवन चल रहा था।  तब कुछ दिनों के बाद उसी पेड के खोखले तने में कहीं से आकर एक दुष्ट सर्प रहने लगा।  साँप और कौए की कहानी   हर वर्ष मौसम आने पर कौवी घोंसले में अंडे देती और दुष्ट सर्प मौक़ा पाकर उनके घोंसले में जाकर अंडे खा जाता। एक बार जब कौआ व कौवी  जल्दी भोजन पाकर शीघ्र ही लौट आए तो उन्होंने उस दुष्ट सर्प को अपने घोंसले में रखे अंडों पर झपटते देखा। अंडे खाकर सर्प चला गया।  कौए ने कौवी का हौसला बढ़ाया "प्रिये, हिम्मत रखो। अब हमें शत्रु का पता चल गया हैं। कुछ उपाय भी सोच लेंगे।" the snake and the crow story in hindi कौए ने सोचा पहले वाले घोंसले को छोड उससे काफ़ी ऊपर टहनी पर घोंसला बनाया और कौवी से कहा 'यहां हमारे अंडे सुरक्षित रहेंगे। हमारा घोंसला पेड की चोटी के किनारे निकट हैं और ऊपर आसमान में चील मंडराती रहती हैं। चील भी सांप की दु...

Moral stories / Bodh katha - शेर और चूहे की कहानी - Lion and the mouse story in hindi

चित्र
Moral stories / Bodh katha शेर और चूहे की कहानी Lion and the mouse story in hindi बहुत समय पहले की चिंदरबन जंगल की कहानी है।  नटखट मुन्नू चूहा मस्ती करता हुआ अपने बिल की ओर लौट रहा था कि रास्ते में गुफा के बाहर शेर गहरी नींद में सोया हुआ है। नटखट मुन्नू उस सोये  शेर के ऊपर जा चढ़ा। मुन्नू चूहा यह अच्छी तरह जान चुका था कि शेर बहुत ही गहरी नींद में सोया हुआ है इसलिए उसने इस बात का फायदा उठाते हुए जोर-जोर से उछल कूद करना शुरू कर दिया चूहे की उछल-कूद के कारण शेर की नींद खुल गई।  lion and the mouse story in hindi  शेर ने अपनी आँखे खोलकर देखा कि एक नन्हा चूहा उसके ऊपर कभी इधर तो कभी उधर घूम रहा है तो कभी जोर-जोर से कूद रहा है। यह देखकर शेर को बड़ा गुस्सा आया उसने झट से चूहे को अपने नुकीले पंजो में पकड़ लिया। चूहा शेर को गुस्से मे देखकर बहुत डर गया। उसे लगा आज तो वह जरुर मारा जाएगा। उसने शेर से विनती की, "महाराज ! मुझसे बहुत बड़ी भूल हो गई है। कृपा करके आप मुझे माफ कर दो।  lion and the mouse story in hindi  मुझे मत मारो ,अगर आप मुझे जाने देंगे तो मैं आपका एहसान कभी न...

Moral stories / Bodh katha - चार दोस्त और शिकारी - The four friends and the hunter story in hindi

चित्र
Moral stories / Bodh katha चार दोस्त और शिकारी The four friends and the hunter  story in hindi चिंदरबन के जंगल में हिरन, कौआ, कछुआ और चूहे की गाढ़ी दोस्ती थी|  चार दोस्त और शिकारी   एक दिन की बात है, जंगल में एक शिकारी आया और उस शिकारी ने हिरन को अपने जाल में फंसा लिया| अब बेचारा हिरन असहाय सा जाल में फंसा था उसे लगा कि आज मेरी मृत्यु निश्चित है| इस डर से वह घबराने लगा|  चार दोस्त और शिकारी   तभी उसके दोस्त कौए ने ये सब देखा और उसने कछुआ और चूहे हो भी हिरन की सहायता के लिए बुला लिया| The four friends and the hunter story in hindi   वहां पर जब शिकारी आया तब कौए ने जाल में फंसे हिरन पर इस तरह चोंच मारना शुरू कर दिया जैसे कौए किसी मृत जानवर की लाश को नोंचकर खाते हैं| अब शिकारी को लगा कि कहीं यह हिरन मर तो नहीं गया| तभी कछुआ उसके आगे से गुजरा| शिकारी ने सोचा हिरन तो मर गया इस कछुए को ही पकड़ लेता हूँ| यही सोचकर वह कछुए के पीछे पीछे चल दिया| इधर मौका पाते ही चूहे ने हिरन का सारा जाल काट डाला और उसे आजाद कर दिया|  The four friends and the hunter stor...

Moral stories / Bodh katha - बंदर और मगरमच्‍छ की कहानी - The Monkey and The Crocodile Story

चित्र
Moral stories / Bodh katha बंदर और मगरमच्‍छ की कहानी The Monkey and The Crocodile Story मुचकुंदी नदी के किनारे एक बड़ा-सा जामुन का पेड़ था। उस पेड पर एक  होशियार मीकू बंदर रहता था।  बंदर और मगरमच्‍छ की कहानी    नदी में एक गोगा मगरमच्‍छ अपनी बीवी के साथ रहता था। धीरे-धीरे मगरमच्‍छ और बंदर में  गहरी दोस्‍ती हो गई। वे हररोज मिलते थे  मीकू बंदर पेड़ से मीठे-मीठे रसीले जामुन‍ गिराता था और गोगा मगरमच्‍छ उन जामुनों को खाया करता था। एक बार कुछ जामुन मगरमच्‍छ अपनी बीवी के लिए लेकर गया। मीठे और रसीले जामुन खाने के बाद मगरमच्‍छ की पत्नि ने सोचा कि जब जामुन इतने मीठे हैं तो इन जामुनों को रोज खाने वाले बंदर का कलेजा कितना मीठा होगा? उसने मगरमच्‍छ से कहा कि तुम अपने दोस्‍त बंदर को घर लेकर आना।  The Monkey and The Crocodile Story    मैं उसका कलेजा खाना चाहती हूँ। अगले दिन जब नदी किनारे मगरमच्‍छ और बंदर मिले तो मगरमच्‍छ ने बंदर को अपने घर चलने के लिए कहा। बंदर ने कहा कि मैं तुम्‍हारे घर कैसे चल सकता हूँ? मुझे तो तैरना नहीं आता।   तब मगर ने कहा कि मैं तु...