Moral stories / Bodh katha - छोटी कहानियाँ - मोटे और दुबले मुर्गों की कहानी
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Moral stories / Bodh katha
छोटी कहानियाँ - मोटे और दुबले मुर्गों की कहानी
Story of healthy and weak roosters
एक किसान के पास दो प्रकार के मुर्गे थे। उनको अलग-अलग टोकरी में रखा जाता था। उनमें से एक टोकरी में मोटे मुर्गे थे और दूसरे में बहुत दुबले-पतले मुर्गे थे। मोठे मुर्गे दुबले पतले मुर्गों का उनके दुबलेपन का हमेशा मज़ाक उड़ाया करते थे। एक दिन उस किसान यहाँ पर दावत थी बहुत लोग आनेवाले थे उनके खाने का इंतजाम करना था। उसने अपने नौकर से कहा, "इन मुर्गों में जो मोटे वाले मुर्गे है उन्हें पकाने के लिए काट दो और करी बनाओ।" जब नौकर ने मोटे मुर्गों को मारना शुरू किया, तब, वह दुःख से पछता रहे थे की 'अगर हम दूसरे मुर्गों की तरह पतले होते, तो आज हम पर यह नौबत नहीं आती।'
बोध - हमे यह नहीं भूलना चाहिए की हम किसी चीज से गर्वित होते है, वही चीज कभी हमारे दुःख का कारण भी बन सकती है।
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